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Showing posts from February, 2018

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एमपी इलेक्शन: सर्वे की कोख से निकली लिस्ट

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  Kamal Nath is going out of way to prove he is not anti-Hindu MP Assembly Election Update: 14 October 2023 NK SINGH कमलनाथ के प्लान के मुताबिक काँग्रेस की लिस्ट इस दफा सर्वे-नाथ ने बनाई है। प्रदेश के नेताओं में आम तौर पर सहमति थी कि लिस्ट इस बार सर्वे के आधार पर बनेगी। पर क्या यह महज संयोग है कि यह लिस्ट राहुल गांधी के गेम-प्लान के मुताबिक भी है? वे अपनी पार्टी के क्षत्रपों के कार्टेल को ध्वस्त करना चाहते हैं, जो 10-15 एमएलए के बूते पर प्रदेश की पॉलिटिक्स चलाते हैं। सर्वे की कोख से निकली लिस्ट कमोबेश जीत की संभावना के आधार पर बनी है। एनपी प्रजापति जैसे अपवादों को छोड़कर कोई सप्राइज़ नहीं। बीजेपी की लिस्ट देखते हुए, काँग्रेस इस बार फूँक-फूक कर कदम रख रही थी। भाजपा उम्मीदवारों की पांचों लिस्ट 2018 के मुकाबले काफी बेहतर थी। नाम दिल्ली ने तय किए, प्रदेश के किसी भी नेता के प्रभाव से परे। चयन का आधार गुटबाजी नहीं, जीत की संभावना रही। इसलिए, दोनों तरफ के उम्मीदवारों का लाइन-अप देखकर लगता है, मुकाबला कांटे है। टिकट न मिलने से निराश नेताओं की बगावत का दौर शुरू हो गया है। यह हर चुनाव में होता है।

मध्य प्रदेश में विरासत की राजनीति

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Sons of CMs in MP politics नरेन्द्र कुमार सिंह मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के पहले १५ मुख्यमंत्री हो चुके हैं. इनमें एक भी ऐसा नहीं था जिसके पुत्र या निकट सम्बन्धी राजनीति में न गए हों. राज्य कांग्रेस का मौजदा नेतृत्व अभी ऐसे लोगों के हाथ में है जो अपने खानदान में दूसरी या तीसरी पीढ़ी के नेता हैं. प्रतिपक्ष के नेता अजय सिंह अपने खानदान में तीसरी पीढ़ी के नेता हैं. उनके पिता अर्जुन सिंह तीन दफा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और दादा शिव बहादुर सिंह तत्कालीन विन्ध्य प्रदेश में मिनिस्टर थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के पिता सुभाष यादव डिप्टी चीफ मिनिस्टर थे. प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री बनने की चाहत रखने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का तो पूरा परिवार ही तीन पीढ़ियों से राजनीति में रमा है. दादी विजयाराजे सिंधिया से शुरू यह सियासी सफ़र इस राज परिवार को इतना भाया कि उनके एकलौते बेटे माधवराव सिंधिया के अलावा दो बेटियां, वसुंधरा राजे सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया भी उसी राजमार्ग पर चल पड़ी.  वसुंधरा अभी राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं और यशोधरा मध्य

शिवराज के पुत्र के कदम राजनीति की ओर

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Shivraj's son may enter public life   नरेन्द्र कुमार सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बचपन में ही राजनीति की ओर कदम बढ़ा दिए थे. उनकी ऑफिसियल वेबसाइट के मुताबिक जब वे महज़ नौ साल के थे तो उन्होंने अपने गांव में खेतिहर मजदूरों को संगठित कर उनके हक़ की लड़ाई लड़ी और उनकी मजदूरी दोगुनी करवा कर ही दम लिया. सोलह साल के होते होते शिवराज राजनीति में पूरी तरह दीक्षित हो गए थे. वे भोपाल में अपने स्कूल की स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट बन चुके थे और साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र इकाई, विद्यार्थी परिषद्, के नेता बन चुके थे.  एक साल बाद ही इमरजेंसी के दौरान तत्कालीन कांग्रेसी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मीसा के तहत जेल में बंद होने वाले वे सबसे कम उम्र के छात्र थे. उन्होंने पूरे नौ महीने भोपाल सेंट्रल जेल में गुजारे, जहाँ सीनियर भाजपा और संघ के नेताओं के सानिध्य में उन्होंने सार्वजनिक जीवन का ककहरा सीखा. अचरज नहीं कि शिवराज के पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान भी २३ साल की उम्र में ही राजनीति में सक्रीय हो गए हैं. सिंधिया की मांद में हम

MP has 147 ministers outside ministry

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NK SINGH  Rajendra Namdeo was a small time politician in the temple town of Maihar, Madhya Pradesh, until a few months ago. Then talent spotters of BJP discovered this uncut diamond in the run up to Maihar assembly by-election.  They promptly set about luring him to their side with trappings of power – in this case, a cosy government position with the title of minister of state. Namdeo allowed himself to be roped in. At the time of writing, Namdeo is on the run after Bhopal police registered a molestation case against him on a complaint filed by an acid attack victim.  BJP dropped him like hot potato, promptly suspending him from primary membership. So did the Madhya Pradesh Government. It removed him from the post of vice-chairman of a Board that it has constituted to promote the art of tailoring.  Thus ended Namdeo’s 18 day tenure as a VIP with Minister of State rank – a notch above chief secretary, the most senior civil servant in the state, in protocol. I

Officers turn vigilantes in MP

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NK SINGH • An elderly pilgrim to Ujjain is beaten up, publicly humiliated and forced to clean his faeces with his own hands after he is found relieving himself on the ghats of Kshipra river. The Ujjain municipal corporation employees upload the video on social media as part of their “public shaming” campaign for making the town open defecation free. As they film his humiliation, they chuckle, asking the old man to show his face to the camera. • As part of their “public shaming” exercise, Narsinghgarh municipal employees try to film a teenaged girl when she goes out to answer call of nature. The girl objects and threatens to break their mobiles. Next day a government officer visits her house. The girl later complains to the police that the officer slapped her. • Two villagers in Khargone district are arrested after they question the Collector’s claim that their municipality has been declared ODF. They point out that there are many houses where toilets have not been constr

स्कीम किसानों के लिए, फायदा व्यापारियों को ...

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Scheme for farmers benefits traders in MP नरेन्द्र कुमार सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह किसानों के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी. सरकार गेंहूँ और धान की खरीदी पर २०० रुपया बोनस देगी, न केवल इस साल बल्कि पिछले साल की गई खरीदी पर भी. बाजार में अनाज की कम कीमत मिलने पर किसानों के घाटे की भरपाई के लिए राज्य में भावान्तर योजना बनी है. उसे और फायदेमंद बनाते हुए सरकार अब किसानों को चार महीने का गोदाम किराया भी देगी. प्रदेश के १७.५० लाख डिफाल्टर किसानों के बकाया ब्याज का २,६०० करोड़ रुपया भी सरकार चुकाएगी. शिवराज की २३ घोषणाओंसे सरकारी खजाने पर लगभग १०,००० करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ आएगा ---- राज्य के कृषि-बजट का लगभग एक-तिहाई! सरकार के आलोचक इसे मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं. बेहतर कीमत के लिए आन्दोलन कर रहे किसानों पर पिछले साल मंदसौर में पुलिस फायरिंग के बाद से ही के राजनीतिक माहौल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ है. अपने-आप को किसानों के नेता के रूप में देखने वाले चौहान ने उन्हें अपने पाले

MP scheme for farmers brings profit to traders

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NK SINGH The government also realises now the gravity of agrarian crisis in Madhya Pradesh. A desperate chief minister acknowledged that when he announced a slew of sops for farm sector at a State-sponsored gathering of farmers last week. The 23 promises made by Shivraj Singh Chouhan in his 50-minute speech will cost state exchequer almost Rs. 10,000 crore, about one-third of agriculture budget.  The massive largesse admitted a paradox of development in MP: the farmers’ lot has worsened even as yield from their field have increased. MP’s achievements are spectacular.  During Chouhan’s regime the state recorded agricultural growth rate of 9.7 per cent compared to national average of 3.6 per cent. It won national awards for highest food production five times in a row.  For the last four years, farm production grew at average rate of 18 per cent. Writes respected financial journalist TN Ninan: “Among all the current statistics on the economy, the truly jaw-dropping one

स्कीम किसानों के लिए, फायदा व्यापारियों को

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Scheme for farmers benefits traders in MP नरेन्द्र कुमार सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह किसानों के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी. सरकार गेंहूँ और धान की खरीदी पर २०० रुपया बोनस देगी, न केवल इस साल बल्कि पिछले साल की गई खरीदी पर भी. बाजार में अनाज की कम कीमत मिलने पर किसानों के घाटे की भरपाई के लिए राज्य में भावान्तर योजना बनी है. उसे और फायदेमंद बनाते हुए सरकार अब किसानों को चार महीने का गोदाम किराया भी देगी. प्रदेश के १७.५० लाख डिफाल्टर किसानों के बकाया ब्याज का २,६०० करोड़ रुपया भी सरकार चुकाएगी. शिवराज की २३ घोषणाओंसे सरकारी खजाने पर लगभग १०,००० करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ आएगा ---- राज्य के कृषि-बजट का लगभग एक-तिहाई! सरकार के आलोचक इसे मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं. बेहतर कीमत के लिए आन्दोलन कर रहे किसानों पर पिछले साल मंदसौर में पुलिस फायरिंग के बाद से ही के राजनीतिक माहौल सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ है. अपने-आप को किसानों के नेता के रूप में देखने वाले चौहान ने उन्हें अपन