Ordinance to restore Bhopal gas victims' property

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Shivraj Singh campaigns in Bhopal |
ऋषिकेश में गंगा तट पर ‘शाश्वत शांति का दिग्दर्शन’ कर शिवराज सिंह चौहान भोपाल लौटकर वापस काम में जुट गए. भले बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने चुनावी कमान अपने हाथ में ले ली हो, पर मैदान में फिलहाल शिवराज के अलावा पार्टी के दूसरे नेता नजर नहीं आ रहे.
बाकी दिग्गज अपने-अपने इलाकों तक सीमित हैं. कई तो केवल अपना टर्फ बचा रहे हैं. मोदी या अमित शाह आते हैं तभी वे प्रदेश के दूसरे हिस्सों में सक्रीय दिखते हैं. वैसे भी इलेक्शन मीटिंग के लिए सबसे ज्यादा मांग शिवराज की रहने वाली है, जो पार्टी का सबसे पहचाना चेहरा है. आचार संहिता लगने के बाद उन्होंने अपने कैंपेन की शुरुआत भोपाल के एक कांग्रेसी गढ़ से की।
उम्मीदवारों की लिस्ट बनाने में बीजेपी अव्वल थी। पर अभी तक उसका न तो विधिवत कैंपेन चालू हुआ है, न ही रैलियों की लिस्ट बनी है. तस्वीर १५ अक्तूबर के बाद साफ़ होगी, जब पता चल जाएगा कि किस नेता के टिकट कट रहे हैं.
उधर कांग्रेस अपनी जन आक्रोश रैली में राहुल और प्रियंका गाँधी के सहारे आदिवासी इलाकों पर फोकस कर रही है. १२ अक्तूबर को मंडला में प्रियंका की सभा है। हालांकि उसका विधिवत कैंपेन भी १५ अक्तूबर के बाद ही शुरू होगा।
वैसे, कांग्रेस और बीजेपी दोनों का कैंपेन लगभग आधा समाप्त हो चला है। दो-तीन महीने से दोनों चुनावी मोड में हैं. बीजेपी को जरूर सरकार में होने का फायदा था. गवर्नमेंट की स्कीमों और फ्रीबिज का सरकारी खर्च पर धुआंधार प्रचार चल रहा था और मेगा इवेंट हो रहे थे। आचार संहिता लगने के बाद रूलिंग पार्टी को उसका फायदा मिलना बंद हो गया है।
Dainik Bhaskar
12 October 2023
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