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Ordinance to restore Bhopal gas victims' property

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NK SINGH Bhopal: The Madhya Pradesh Government on Thursday promulgated an ordinance for the restoration of moveable property sold by some people while fleeing Bhopal in panic following the gas leakage. The ordinance covers any transaction made by a person residing within the limits of the municipal corporation of Bhopal and specifies the period of the transaction as December 3 to December 24, 1984,  Any person who sold the moveable property within the specified period for a consideration which he feels was not commensurate with the prevailing market price may apply to the competent authority to be appointed by the state Government for declaring the transaction of sale to be void.  The applicant will furnish in his application the name and address of the purchaser, details of the moveable property sold, consideration received, the date and place of sale and any other particular which may be required.  The competent authority, on receipt of such an application, will conduct...

पलामू: एक बार फिर अकाल के चंगुल में

Map of Palamu district, Jharkhand, published by NIC
Palamu. Map credit NIC

NK SINGH

 Palamu in grip of famine

पलामू पर फिर अकाल मंडराने लगा है। देश ने बिहार (अब झारखंड) के इस सबसे छोटे जिले का नाम 1966-67 के अकाल के दौरान जाना था। उस बार अकाल की विभीषिका सबसे घोर यहीं थी।

इस बार भी जिले की पूरी फसल सूखे की चपेट में या गई है। और आसरा इस जिले को बस एक खेती का ही है. उद्योग के नाम पर ले-देकर एक जापला सिमेन्ट कारखाना है।


पलामू के तीन विधायकों ने बयान जारी किया है कि भूख से यहाँ 13 व्यक्ति मर चुके हैं।

जिले के कुल 4,921 वर्गमील में से 2,146 वर्गमील जंगल है। जिले के 4 लाख निवासी राज्य के सबसे पिछड़े और गरीब लोग हैं। सिंचाई के लिए वर्ष के अलावा और कोई सहारा नहीं।

जंगल-वासियों के लिए महुए का बड़ा सहारा रहता है. वे भोजन के काम आते हैं। इस बार महुए के फूल का भी अकाल पड़ा हुआ है।

राज्यपाल ने आदेश निकाल कि 500 रुपए से काम कर्ज कि वसूली रोक दी जाए। कर्ज कि वसूली तो रुक दी गई, पर लगान की वसूली मुस्तैदी से की जा रही है.

सबसे सम्पन्न पर सबसे गरीब

पलामू का भूगर्भ राज्य में सबसे अधिक सम्पन्न है। मगर वह सारा खनिज धन भूगर्भ में ही पड़ा सो रहा है।

खेती बाबा आदम के जमाने वाले ढंग से होती है। उपज हद से हद एक क्विंटल फी एकड़ हो पाती है।

राज्य और जिले के हकीम कानों में तेल डाले सो रहे हैं। सरकार इस समय नौकरशाहों की है। दो सालों के अंदर छह-छह सरकारों का बनना-बिगड़ना देख चुके नौकरशाह यह अटकल लगाने में दिन-रात व्यस्त रहते हैं कि अगली सरकार “किन लोगों” की  होगी।

Excerpts from Patriot (Hindi), 7 September 1969

Palamu: ek baar phir akaal ke chngul mein, by NK Singh, published in Patriot (Hindi) weekly, 7 September 1969
Patriot (Hindi) weekly, 7 September 1996

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