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Bail for Union Carbide chief challenged

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NK SINGH Bhopal: A local lawyer has moved the court seeking cancellation of the absolute bail granted to Mr. Warren Ander son, chairman of the Union Carbide Corporation, whose Bhopal pesticide plant killed over 2,000 persons last December. Mr. Anderson, who was arrested here in a dramatic manner on December 7 on several charges including the non-bailable Section 304 IPC (culpable homicide not amounting to murder), was released in an even more dramatic manner and later secretly whisked away to Delhi in a state aircraft. The local lawyer, Mr. Quamerud-din Quamer, has contended in his petition to the district and sessions judge of Bhopal, Mr. V. S. Yadav, that the police had neither authority nor jurisdiction to release an accused involved in a heinous crime of mass slaughter. If Mr. Quamer's petition succeeds, it may lead to several complications, including diplomatic problems. The United States Government had not taken kindly to the arrest of the head of one of its most powerful mul...

चुरहट में ब्राह्मण ही ठाकुरों के तारणहार

Dainik Bhaskar 15 November 2018


MP assembly election 2018, Dateline Churhat

NK SINGH


सीधी: अमेरिका से बेहतर सड़कों पर चलते हुए चित्रकूट से सीधी तक के सफ़र में पिछले चार दिनों में कई बार राम याद आ गए. टोल वाली सड़कों को छोड़कर इक्का-दुक्का सड़कें ही साबूत मिलीं.

राम तो इस चुनावी यात्रा में नहीं मिले, कंप्यूटर बाबा जरूर मिले, जो अपना कमंडल लेकर घूम रहे हैं. पर विन्ध्य में कमंडल पर मंडल भारी है. कुछ राजनीतिक बिम्बों से इसे समझने की कोशिश करते हैं.   

·         रामपुर नैकिन के उंघते हुए कस्बे में शाम के झुटपुटे में भाजपा के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन हो रहा है. एक छोटे से कमरे में २५-५० वर्कर इकठ्ठा हैं. सीधी जिले के भाजपा अध्यक्ष राजेश मिश्रा कार्यकर्ताओं को भरोसा दिला रहे हैं कि चुरहट से इस बार नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की हार पक्की है.

·         जिस हाल में मिश्रा भाषण दे रहे हैं, वहां केवल तीन कुर्सियां लगी हैं. एक कुर्सी पर वे खुद बैठे हैं, दूसरी पर कोई शुक्ला और तीसरी पर शारदेंदु तिवारी. कार्यालय प्रभारी का परिचय कराया जाता है. वे भी ब्राह्मण हैं. भाजपा उम्मीदवार  तो ब्राह्मण हैं ही!

·         कुछ किलोमीटर दूर नैकिन गाँव में अजय सिंह का जनसंपर्क चल रहा है. एक जगह गाँव के लोग इकठ्ठा हुए हैं. वहां से पांच बार चुनाव जीत चुके अजय सिंह बघेली में लोगों से कहते है, “अबकी हवा चलत है कि सरकार बनही.” वे लोगों को बताते हैं कि उनके परिवार का गढ़ होने की वजह से बाहर वाले सोचते हैं कि चुरहट में राजपूतों की भरमार होगी.

·         फिर मेरी तरफ देखते हुए वे लाउडस्पीकर पर ही कहते हैं कि लोगों को मालूम नहीं कि यहाँ केवल १५ हज़ार ठाकुर हैं जबकि उससे तीन गुना ब्राह्मण हैं. उनके एक समर्थक, राकेश सिंह, जो पास के ही गाँव में रहते हैं बताते है कि नैकिन में ठाकुरों के केवल एक या दो घर हैं.


पर ऐसा नहीं कि भाजपा जाति की राजनीति कर रही है और कांग्रेस उससे परे है. शिवबहादुर सिंह और अर्जुन सिंह के बाद अजय सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं.

ब्राह्मण-बाहुल्य इस इलाके में कास्ट पॉलिटिक्स को साधने की कोशिश इस ठाकुर परिवार ने अलग ढंग से की है. चुरहट में उनकी पॉलिटिक्स ब्राह्मण ही चलाते हैं. आस-पास के इलाकों में भी उन्होंने ब्राह्मण नेताओं को खूब महत्त्व दिया है.

इस स्ट्रेटेजिक गठबंधन का उन्हें फायदा मिला है. चुरहट निवासी उत्तम पाण्डे कहते हैं, “गाय बंधी है.” मतलब दूध मिलेगा क्योंकि वोटर खूंटे से बंधे हैं.

विन्ध्य में चुनावी रणनीति बनाने की शुरुआत ही जातिगत समीकरणों से होती है. गुढ़ क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार नागेन्द्र सिंह ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं.

कांग्रेस ने मौजूदा विधायक सुन्दरलाल तिवारी को उतारा है, जो ब्राह्मण हैं. समाजवादी पार्टी से कपिध्वज सिंह खड़े हो गए हैं जो नागेन्द्र सिंह की ही जाति के हैं. २०१३ में भी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में ठाकुरों के वोट काटकर वे नागेन्द्र सिंह को हरा चुके हैं.

पूरे विन्ध्य में इस तरह के दसियों उम्मीदवार खड़े होकर मुकाबले को दिलचस्प बना रहे हैं.

इस पचड़े में वे पार्टियाँ कहाँ हैं, जिनका जन्म ही कास्ट पॉलिटिक्स से हुआ? एससी एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्णों में नाराजगी है, पर वह सपाक्स या सवर्ण समाज पार्टी के लिए वोट में बदलता नहीं दिखाई दे रहा.

हाल में गुढ़ में एक मामला हुआ. एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद एक व्यापारी परिवार समेत घर छोड़कर भाग गया. इस गुस्से से उपजे वोट जाति के नाम पर चुनाव लड़ने वाली पार्टियों को छोड़कर समाजवादी पार्टी की तरफ जाते दिख रहे हैं.

गुढ़ के अनंत गुप्ता कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि हारने वाले उम्मीदवार को वोट देकर उसे बरबाद क्यों करें.”

Dainik Bhaskar 15 November 2018
Dainik Bhaskar 15 November 2018


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