भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाना
ज्वालामुखी बना
नरेन्द्र
कुमार सिंह
भोपाल, 3 दिसम्बर (जनसत्ता)
मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने शाम संवाददाताओं को बताया कि स्थानीय मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में
३८० शव पहुंचाए गए हैं. रहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है.
अस्पतालों
में भारती सैकड़ों मरीजों की हालत नाजुक बताई गयी है. रात देर तक ट्रक और दूसरे
वाहनों से लाशें मुर्दाघर पहुंचाई जा रही थी. मरने वालों की तादाद बढ़ने का अंदेशा
है.
कारखाने
से मिथाइल आइसोसाईनेट नामक अत्यंत जहरीली गैस का रिसाव कल आधी रात के लगभग शुरू
हुआ. लेकिन कारखाने के सूत्रों का दावा है कि रिसाव १.४० बजे रोक दिया गया.
‘जनसत्ता’
प्रतिनिधि ने प्रभावित क्षेत्रों का दोपहर में दौरा किया. सड़क किनारे लाशों के ढेर
पड़े थे और करुण चीख-पुकार मची हुई थी.
मरने
वालों में ज्यादातर बच्चे थे जो सोते में दम घुटने से मरे. शाम तक लाशें घरों में
पड़ी थीं.
छोला
श्मशान घाट पर जलने के लिए इंतनी लाशें पहुंची कि वहां लकड़ियाँ ख़त्म गयी. दूसरे श्मशान
घाटों पर भी यही हालत है.
सरकारी
सूत्रों के अनुसार ५०० से ज्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हैं. मिथाइल आइसोसाईनेट गैस
सांस के साथ भीतर पहुँच कर गला और फेफड़ा जाम कर देती है और खून में जहर फ़ैल जाता है
जिससे दम घुटने से मौत हो जाती है.
मुख्यमंत्री
ने कहा कि गंभीर हालत वाले २,००० से ज्यादा मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भरती
कराया गया है. लेकिन अस्पतालों से यह संख्या 5,००० से ज्यादा पता चली. मरीजों को
लाना देर रात तक चलता रहा.
अस्पतालों
का माहौल बड़ा भयानक है. वार्डों में जगह नहीं है और मैदान, गलियारे तथा जहाँ जगह
मिली मरीज रखे गए हैं. डाक्टरों के अनुसार इन सभी की हालत काफी नाजुक है.
जनसत्ता
प्रतिनिधि ने देखा कि मरीजों के मुंह से झाग निकल रहा था और शरीर ऐंठ गया था.
लेकिन जान बाकी थी.
राज्य
सरकार ने इंदौर और दूसरे शहरों से डाक्टरों को भोपाल भेजा है. घटना की जाँच के लिए
बनायीं गयी समिति ने भी काम करना चालू कर दिया है.
मुख्यमंत्री
के बढ़-चढ़ कर किये गए दावों की पोल इसी से खुल जाती है कि जनसत्ता प्रतिनिधि ने शाम
सात बजे पाया कि लाशें जहाँ-तहां पड़ी हुई हैं और
मरने का सिलसिला जारी है.
कहीं
कोई डॉक्टर या कम्पाउण्डर नहीं दिखा. एक परिवार के सात सदस्य तड़प रहे थे. जाहिर
था, उनका दम घुट रहा था और उन्हें तुरंत इलाज मिलना चाहिए था. लेकिन न कहीं कोई
एम्बुलेंस थी और न डॉक्टर.
तमाम
लाशों का कोई दावेदार नहीं क्योंकि पूरा का पूरा परिवार मारा गया.
यूनियन कार्बाइड प्रबंधक वाई पी गोखले ने कहा है कि गैस का रिसाव भूमिगत टैंक का वाल्व फट
जाने से शुरू हुआ. वाल्व अंदरूनी दबाव के कारण फटा. बाद में वह गैस लगभग ४० वर्ग
किलोमीटर के क्षेत्र में फ़ैल गयी.
मुख्यमंत्री
अर्जुन सिंह से कहा कि मृतकों के सम्मान में कल मध्य प्रदेश में राजकीय शोक रहेगा.
उन्होंने
कहा कि यह स्तब्धकारी घटना दुबारा न हो इसके सभी इंतजाम किये जायेंगे. यूनियन
कार्बाइड को फैक्ट्री बंद करना पड़ेगी. सरकार किसी भी भी हालत में उत्पादन दुबारा
नहीं होने देगी.
केंद्र
सरकार का एक जाँच दल भी भोपाल पहुँच गया है और जाँच शुरू हो गयी है.
लापरवाही
अथवा हड़बड़ी से गैर इरादतन हत्या के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा ३०४ए के
तहत कारखाने के चार वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
कारखाने
से मृतकों के परिवारों को मुआवजा दिलाने की भी कार्यवाई की जा रही है. जनता की हित
सबसे पहले देखा जायेगा. यह ख्याल नहीं रखा जायेगा कि यूनियन कार्बाइड विदेशी कंपनी
है.
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