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Bail for Union Carbide chief challenged

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NK SINGH Bhopal: A local lawyer has moved the court seeking cancellation of the absolute bail granted to Mr. Warren Ander son, chairman of the Union Carbide Corporation, whose Bhopal pesticide plant killed over 2,000 persons last December. Mr. Anderson, who was arrested here in a dramatic manner on December 7 on several charges including the non-bailable Section 304 IPC (culpable homicide not amounting to murder), was released in an even more dramatic manner and later secretly whisked away to Delhi in a state aircraft. The local lawyer, Mr. Quamerud-din Quamer, has contended in his petition to the district and sessions judge of Bhopal, Mr. V. S. Yadav, that the police had neither authority nor jurisdiction to release an accused involved in a heinous crime of mass slaughter. If Mr. Quamer's petition succeeds, it may lead to several complications, including diplomatic problems. The United States Government had not taken kindly to the arrest of the head of one of its most powerful mul...

केसीआर पीएम बनने का सपना देख रहे हैं

K Chandrashekhar Rao


KCR Dreams of Becoming PM

NK SINGH

हैदराबाद, १२ अप्रैल २०१९

लोक सभा चुनाव के ठीक पहले तेलंगाना के मुख्य मंत्री के चंद्रशेखर राव की महत्वाकांछा कुलांचे भर रही है. वे अपने वोटरों से पूछते हैं: “क्या जरूरी नहीं कि एक ऐसा लीडर सामने आये जो नया भारत बनने के संघर्ष की अगुआई कर सके? क्या आप चाहते हैं कि केसीआर यह काम करे?”

अपनी चुनावी सभाओं में नरेन्द्र मोदी इसका तीखा जवाब देते हैं: “कार बेकार है क्योंकि उसकी स्टीयरिंग मजलिस के हाथ में है.” कार केसीआर की पार्टी तेलंगाना राष्ट समिति (टीआरएस) का चुनाव चिन्ह है. टीआरएस की असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिसे-इत्तेहादुल-मुसलमीन से जोड़ीदारी जगजाहिर है.  

केसीआर इसपर गुस्से में उफनते हैं: “मोदी कहते हैं कि मेरी नाक लम्बी है. उनको इसकी चिंता क्यों है? वे कहते हैं कि मैं ज्योतिष में यकीन रखता हूँ. उनको इससे क्या मतलब?”

राजनीतिक क्षेत्रों में चुनाव के नतीजों से ज्यादा दिलचस्पी चुनाव के बाद बनने वाले समीकरणों को लेकर है. तेलंगाना में भले केवल १७ सीटें हो, देश में खंडित जनादेश की उम्मीद बांधे केसीआर चुनाव के बाद अपने लिए और अपने नए-नवेले राज्य के लिए दिल्ली दरबार में एक निर्णायक भूमिका देख रहे हैं.

उनके पुत्र और रूलिंग पार्टी के वर्किंग प्रेसिडेंट केटी रामाराव वोटरों से कहते हैं, “कांग्रेस को हराओ, बीजेपी को हराओ, दोनों को बाहर करो, इससे तेलंगाना मजबूत होगा.”

ज्यादा हिस्सेदारी की चाहत रखने वाले केसीआर फ़ेडरल फ्रंट के लिए हाथ-पाँव मार चुके हैं, पर उनके आईडिया को कुछ खास समर्थन नहीं मिला. ऐसी हालत में चुनाव के बाद वे किसके साथ जायेंगे, कांग्रेस के साथ या बीजेपी के साथ? राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे भाजपा की सरकार बनवायेंगे क्योंकि राज्य में उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस से है.

पर भाजपा प्रवक्ता कृष्ण सागर राव इस राय से इत्तेफाक नहीं रखते हैं: “केसीआर पिछला चुनाव १२ प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं के प्रचंड समर्थन की वजह से जीते थे. टीआरएस ने वहां कांग्रेस का जनाधार कमजोर करके अच्छी पैठ की है. राज्य में ओवैसी की मजलिस से उनका अलायन्स है, जिसका फायदा वे छोड़ना नहीं चाहेंगे.”

महत्वाकांक्षी केसीएस किस तरफ जायेंगे यह इस पर निर्भर करेगा कि किस अलायन्स को कितनी सीटें मिलती हैं.

केसीआर के पक्ष में असदुद्दीन ओवैसी खड़े हैं: “अगर आप मेरे से पूछेंगे कि इन तीन में से किसको पीएम बनना चाहिए तो मैं बोलूँगा कि केसीआर में मोदी और राहुल गाँधी से पीएम बनने के लिए ज्यादा काबिलियत है.”

वे पूछते हैं: “इस मुलुक में राहुल गाँधी और मोदी से बेह्तर लोगां नहीं क्या? में बोलूँगा प्राइम मिनिस्टर के लिए काबिल लोगां की लिस्ट बनायेंगे तो केसीआर का नाम उसमें होगा.”  
क्या २०१९ का लोकसभा चुनाव केसीआर का सपना पूरा कर पायेगा?

Reporting for Dainik Bhaskar

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